युवा लोगों में कार्डियक अरेस्ट के मामलों में वृद्धि के लिए विभिन्न कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, ऐसा डॉ. ज्ञांती आरबीसिंह, सीनियर कंसल्टेंट – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, मेट्रो हॉस्पिटल्स एंड हार्ट इंस्टीट्यूट, नोएडा का कहना है। डॉ. सिंह बताते हैं कि कई अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतें, जैसे गतिहीन व्यवहार, खराब आहार और अत्यधिक तनाव, मोटापे, उच्च रक्तचाप और मधुमेह में योगदान करते हैं, ये सभी हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ाते हैं। वे कहते हैं, “मादक द्रव्यों का सेवन, धूम्रपान और शराब का सेवन भी हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अतिरिक्त, आनुवंशिक कारक और कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ युवा व्यक्तियों को हृदय संबंधी घटनाओं के लिए प्रेरित कर सकती हैं।”